Skill India Program से जुड़ें और लाभ पाएं?

Skill India training session with students learning vocational skills

21वीं सदी में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सबसे बड़ा हथियार है — कुशल युवा। इसी सोच के साथ भारत सरकार ने वर्ष 2015 में Skill India Mission की शुरुआत की, ताकि हर युवा को उसके रुचि और योग्यता के अनुसार व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उसे आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

Skill India Program क्या है?

यह भारत सरकार की एक व्यापक योजना है जिसका उद्देश्य युवाओं को विभिन्न तकनीकी, डिजिटल, और सेवाक्षेत्र के कौशलों में प्रशिक्षित कर उन्हें नौकरी योग्य बनाना है। इसके प्रमुख घटक हैं:

  • PMKVY (प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना)
  • DDU-GKY (ग्रामीण युवा कौशल योजना)
  • NSDC (National Skill Development Corporation)
  • ITI संस्थान एवं Skill Hubs
  • Recognition of Prior Learning (RPL)

कैसे जुड़ें Skill India Mission से?

1. ऑनलाइन पंजीकरण करें:

Skill India की वेबसाइट पर जाएं: https://skillindia.nsdcindia.org

  1. “Register as a Candidate” पर क्लिक करें
  2. मोबाइल नंबर, OTP और आधार से लॉगिन करें
  3. अपना प्रोफाइल और कोर्स विकल्प भरें
  4. Submit करें

2. प्रशिक्षण केंद्र जाकर आवेदन करें:

अपने नजदीकी Skill Center/ITI संस्थान जाएं। कोर्स चुनें, फॉर्म भरें, और आवश्यक दस्तावेज जमा करें।

3. Training Center खोजें:

कौन-कौन से कोर्स मिलते हैं?

क्षेत्रकोर्स उदाहरण
IT & DigitalData Entry, Web Design, App Testing
Health CareNursing Assistant, Lab Technician
Beauty & WellnessBeautician, Hair Stylist
ElectricalAC Mechanic, Wiring Technician
TextileTailoring, Fashion Design
ConstructionMason, Plumbing, Fitting

Skill India Program के लाभ

  • निशुल्क प्रशिक्षण: सरकारी फंडिंग के तहत ज़्यादातर कोर्स मुफ्त हैं।
  • प्रमाण पत्र एवं मान्यता: NSDC द्वारा मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेट
  • रोज़गार / स्वरोज़गार: प्लेसमेंट या खुद का व्यवसाय
  • ऑनलाइन कोर्स: SWAYAM और eSkill India जैसे पोर्टल्स पर भी उपलब्ध

पात्रता व दस्तावेज़

मापदंडआवश्यकता
आयु15 से 45 वर्ष
योग्यता5वीं कक्षा से ऊपर
दस्तावेजआधार कार्ड, फोटो, बैंक खाता, मोबाइल

प्रेरणादायक उदाहरण

रीना देवी, बिहार की एक महिला, ने ब्यूटी कोर्स किया और अब ₹15,000+ मासिक कमा रही हैं।

महत्वपूर्ण सरकारी लिंक:

निष्कर्ष

Skill India Program आपके करियर को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है। अभी रजिस्ट्रेशन करें और अपने भविष्य को बदलें।

Internal Links: रोजगार पथ | Yuva Shakti

सिगरेट के फिल्टर में सूअर का खून: एक अनदेखा सच

Cigarette filter composition controversy

सिगरेट के सेवन के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर तो वर्षों से चर्चा होती रही है, लेकिन हाल ही में आई कुछ रिपोर्ट्स ने इसके घटक पदार्थों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। इन रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ ब्रांड्स के सिगरेट फिल्टर्स में हेमोग्लोबिन, अर्थात रक्त में पाया जाने वाला तत्व, का उपयोग किया जाता है, जो सूअर के खून से प्राप्त हो सकता है।


हेमोग्लोबिन और सिगरेट फिल्टर का संबंध

कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों और मीडिया रिपोर्ट्स, जैसे कि क्रिस्टीन मीनडर्ट्समा की पुस्तक Pig 05049 और Times of India में प्रकाशित जानकारी के अनुसार:

  • हेमोग्लोबिन का उपयोग कुछ सिगरेट फिल्टर्स में धुएं से विषैले तत्वों को छानने के लिए किया जाता है।
  • यह हेमोग्लोबिन अक्सर सूअर जैसे जानवरों के खून से प्राप्त किया जाता है।
  • हालांकि, हर ब्रांड में यह जरूरी नहीं है कि इसका प्रयोग होता ही हो।

धार्मिक और नैतिक दृष्टिकोण

भारत जैसे विविध धार्मिक आस्थाओं वाले देश में सूअर के उत्पादों का सेवन कई धर्मों में वर्जित है। ऐसे में यह जानकारी उन उपभोक्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाती है जो अपने धार्मिक और नैतिक मूल्यों के अनुसार जीवनशैली अपनाते हैं।

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उपभोक्ता जागरूकता: क्या करना चाहिए?

  • लेबल पढ़ें: पैकेजिंग पर सामग्री (ingredients) पढ़ने की आदत डालें, विशेषकर imported सिगरेट ब्रांड्स के मामले में।
  • निर्माताओं से पूछें: यदि संदेह हो तो संबंधित कंपनी से संपर्क करके पुष्टि करें।
  • वैकल्पिक विकल्प अपनाएं: यदि आप शुद्ध शाकाहारी या धार्मिक कारणों से चिंतित हैं, तो वैकल्पिक विकल्पों की ओर बढ़ना एक बुद्धिमत्ता पूर्ण कदम हो सकता है।

अन्य रोजमर्रा की चीज़ें जिनमें पशु-घटक पाए जाते हैं

(India.com की रिपोर्ट के अनुसार)

उत्पादसंभावित पशु-घटक
चॉकलेटजिलेटिन (हड्डियों से)
साबुन/शैम्पूपशु वसा
बीयर/वाइनजिलेटिन
दवाइयाँजिलेटिन कैप्सूल
ब्रश के बालजानवरों के बाल
कैमरा फिल्मजिलेटिन

कानूनी स्थिति और पारदर्शिता का अभाव

भारतीय कानून के अंतर्गत तंबाकू उत्पादों में प्रयुक्त सभी सूक्ष्म घटकों का स्पष्ट उल्लेख करना अनिवार्य नहीं है। यही कारण है कि अधिकांश उपभोक्ता इस जानकारी से अनभिज्ञ रहते हैं।

हालांकि, Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) जैसे संस्थान खाद्य पदार्थों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, लेकिन तंबाकू उत्पाद इन दायरे से बाहर हैं।


हमारी राय

यह लेख किसी ब्रांड या उत्पाद के खिलाफ नहीं है, न ही किसी धार्मिक भावना को आहत करने के उद्देश्य से है। हमारा उद्देश्य केवल तथ्यों पर आधारित उपभोक्ता जागरूकता बढ़ाना है ताकि हर व्यक्ति अपने मूल्यों के अनुसार सूचित निर्णय ले सके। स्वास्थ्य, आस्था और पारदर्शिता — तीनों की रक्षा करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।


संदर्भ (Sources)

  1. India.com रिपोर्ट
  2. Pig 05049 by Christine Meindertsma
  3. Times of India Article
  4. VegNews Report
  5. Tobacco Control Journal – BMJ

विशेष नोट :

यह लेख केवल सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है। कृपया किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लें। इस लेख का उद्देश्य किसी धर्म, जाति, समुदाय या कंपनी की निंदा करना नहीं है।

भारत की युवाशक्ति और राजनीतिक चेतना: लोकतंत्र की नई धारा

भारत की युवाशक्ति और राजनीतिक चेतना

भारत विश्व का सबसे युवा देश है, जहां लगभग 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। यह जनसांख्यिकीय लाभांश केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक चेतना के स्तर पर भी निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

आज भारत की युवा शक्ति तकनीकी रूप से सशक्त, सूचना से परिपूर्ण और सामाजिक मुद्दों को लेकर जागरूक है। लेकिन क्या यह ऊर्जा राजनीति को नई दिशा देने में प्रयुक्त हो रही है?


🔹 राजनीतिक चेतना क्या है?

राजनीतिक चेतना का अर्थ है –

राजनीतिक व्यवस्था, सरकार, अधिकारों और कर्तव्यों को समझना, उस पर विचार करना और उसके सुधार हेतु सक्रिय होना।

इसका आशय केवल मतदान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विचारशील भागीदारी, जन संवाद, आंदोलन और नीति निर्माण में प्रभावी योगदान तक फैला है।


🔹 भारत की युवाशक्ति की राजनीतिक भूमिका: बदलता परिदृश्य

सकारात्मक पहलू

  1. सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता – छात्र और युवा आज ट्विटर ट्रेंड्स, इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब डिबेट्स के माध्यम से राजनीतिक विमर्श में भाग ले रहे हैं।
  2. रोज़गार, शिक्षा, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर स्पष्ट दृष्टिकोण – अब मुद्दा आधारित राजनीति का आग्रह तेज़ हुआ है।
  3. नए युवा राजनीतिक चेहरों का उदय – जैसे कि तेजस्वी यादव, हार्दिक पटेल, ईशान्य क्षेत्र में युवा एक्टिविस्ट्स आदि।
  4. छात्र आंदोलनों का पुनर्जागरण – JNU, BHU, Jadavpur जैसी यूनिवर्सिटी में बहस और विचार का वातावरण।

चुनौतियां

  1. राजनीति से मोहभंग – भ्रष्‍टाचार, वंशवाद और अवसरवादिता से युवा वर्ग उदासीन हो सकता है।
  2. कट्टरता और अफवाहों का शिकार – डिजिटल युग में गलत सूचनाएं युवाओं को भ्रमित कर सकती हैं।
  3. राजनीतिक शिक्षा का अभाव – स्कूली पाठ्यक्रमों में लोकतंत्र की व्यावहारिक समझ नहीं दी जाती।

🔹 भारत की युवाशक्ति की राजनीतिक चेतना कैसे बढ़ाई जाए?

  1. शिक्षा प्रणाली में नागरिक अध्ययन को शामिल करना
  2. कॉलेजों में चुनाव और डिबेट कल्चर को प्रोत्साहित करना
  3. युवाओं को ग्रामसभा/नगर परिषद बैठकों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना
  4. मीडिया साक्षरता अभियान चलाना – ताकि वे सही-गलत में फर्क समझें
  5. राजनीतिक दलों द्वारा युवाओं को उचित मंच देना

🔹 “मतदाता नहीं, नीति निर्माता बनो” – नई दिशा की आवश्यकता

भारत के युवाओं को सिर्फ वोटर या भीड़ नहीं, बल्कि नीति निर्माता, सोशल इनोवेटर और लोकतांत्रिक प्रहरी बनना होगा। इसके लिए जरूरी है –

  • नवाचार आधारित सोच
  • सांस्कृतिक समझ
  • संविधानिक मूल्यों में आस्था

🔹 निष्कर्ष: युवा ही लोकतंत्र का भविष्य हैं

“यदि युवा राजनीति से विमुख होंगे, तो राजनीति उन्हें नियंत्रित करेगी – वो चाहे जैसे भी हो।”

भारत की युवा शक्ति को केवल तकनीकी कौशल तक सीमित रखना, उसके लोकतांत्रिक योगदान को कम आंकना होगा। यदि यह शक्ति राजनीतिक रूप से प्रशिक्षित, जागरूक और संगठित हो, तो यह राष्ट्र के भविष्य को निर्णायक दिशा दे सकती है।


Suggested Internal Links (www.dayalunagrik.com):

Election Commission of India – National Voter Services Portal