ड्रोन का इतिहास – “ड्रोन” एक ऐसा शब्द है, जो आज कृषि, सैन्य, फिल्म और आपदा प्रबंधन से लेकर ई-कॉमर्स डिलीवरी तक में सुनाई देता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह तकनीक कहां से आई?
क्या ड्रोन केवल युद्ध का उपकरण है या यह भविष्य की जीवन-शैली का हिस्सा बन चुका है?
इस ब्लॉग में हम ड्रोन के ऐतिहासिक विकास, इसके युद्धकालीन उपयोगों, तकनीकी प्रगति और नागरिक जीवन में इसके विस्तार का विश्लेषण करेंगे।
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1. प्रारंभिक प्रयोग: बम गिराने वाले गुब्बारों से शुरूआत (1849–1918)
- 1849 में ऑस्ट्रिया ने वेनिस पर हमले के लिए हॉट एयर बैलून का इस्तेमाल किया, जिसमें टाइम-बम लगाए गए थे।
- यह इतिहास में पहली बार था जब किसी “बिना चालक” वाले उपकरण का युद्ध में प्रयोग हुआ।
- 1916–1918: प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन और अमेरिका ने रेडियो-नियंत्रित एयरक्राफ्ट पर प्रयोग शुरू किए।
- “Kettering Bug” (1918): अमेरिका का पहला ऑटोमेटेड उड़ने वाला बम।
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2. द्वितीय विश्व युद्ध और शीत युद्ध: ड्रोन का सैन्यरण (1939–1990)
WWII के दौरान:
- अमेरिका ने “Radioplane OQ-2” नामक पहला व्यापक रूप से प्रोड्यूस किया गया ड्रोन बनाया।
- इसका उपयोग टारगेट प्रैक्टिस और एंटी-एयरक्राफ्ट गन के परीक्षण में हुआ।
शीत युद्ध (1950–1990):
- अमेरिका और USSR दोनों ने ड्रोन को गुप्त जानकारी एकत्र करने में उपयोग करना शुरू किया।
- “Ryan Firebee” जैसे ड्रोन उच्च ऊंचाई से फोटो लेने में सक्षम थे।
- इज़राइल ने 1980 के दशक में “Scout” और “Pioneer” ड्रोन का उपयोग किया।
3. 21वीं सदी की क्रांति: निगरानी से हथियार तक (2000–2020)
- 2001 में अमेरिका ने “MQ-1 Predator” ड्रोन का उपयोग अफगानिस्तान में किया।
- ये ड्रोन न केवल निगरानी कर सकते थे, बल्कि हेलफायर मिसाइलों से हमले भी कर सकते थे।
- 2010 के बाद से “MQ-9 Reaper”, “Global Hawk” और “Heron” जैसे अत्याधुनिक ड्रोन विकसित हुए।
- आतंकवाद विरोधी अभियानों में ड्रोन का प्रमुख उपयोग बढ़ा।
4. भारत में ड्रोन तकनीक का विकास
- 1990s: DRDO ने “Nishant” UAV विकसित किया जो सीमाओं की निगरानी में उपयोगी था।
- 2009: “Rustom-1” का परीक्षण हुआ – मध्यम ऊंचाई पर उड़ने वाला निगरानी ड्रोन।
- 2016 के बाद: “Tapas-BH-201” (पूर्व नाम Rustom-2) को रक्षा बलों के लिए विकसित किया गया।
- भारत सरकार ने 2021 में ड्रोन नियम (Drone Rules 2021) लागू किए, जिससे नागरिक और व्यवसायिक प्रयोगों को बढ़ावा मिला।
5. नागरिक जीवन में ड्रोन का प्रवेश
कृषि:
- खेतों में बीज छिड़काव, फसल की निगरानी, और कीटनाशक स्प्रे में उपयोग।
फिल्म और फोटोग्राफी:
- एरियल शॉट्स और लाइव कवरेज के लिए व्यापक उपयोग।
डिलीवरी:
- Amazon, Zomato, Swiggy जैसे ब्रांड्स ड्रोन डिलीवरी मॉडल पर काम कर रहे हैं।
आपदा प्रबंधन:
- बाढ़, भूकंप या अग्निकांड के समय फंसे लोगों की तलाश, राहत सामग्री पहुंचाना।
सुरक्षा निगरानी:
- रेलवे, तेल पाइपलाइन, बॉर्डर क्षेत्रों की निगरानी।
6. भविष्य की दिशा और संभावनाएं
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग से लैस स्मार्ट ड्रोन का विकास हो रहा है।
- ड्रोन टैक्सी और पैसेंजर UAV पर दुनिया भर में रिसर्च चल रही है।
- भारत में “Drone Shakti” अभियान के तहत स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
हमारी राय
ड्रोन अब केवल सैन्य उपकरण नहीं, बल्कि आधुनिक समाज की बुनियादी जरूरत बन चुका है। यह तकनीक सुरक्षा, कृषि, मीडिया और लॉजिस्टिक्स से लेकर सामान्य नागरिक जीवन तक में अपनी उपयोगिता साबित कर रही है।
ड्रोन का इतिहास इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार एक युद्धकालीन उपकरण शांति और प्रगति का वाहक बन सकता है – यदि उसका सही दिशा में उपयोग किया जाए।
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