इस चित्र में मध्यप्रदेश के प्रसिद्ध खजुराहो मंदिर की एक बारीक नक्काशी दिखाई गई है, जिसमें प्रेम और यौन ऊर्जा की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और कलात्मक प्रस्तुति समाहित है। यह मूर्तिकला न केवल शारीरिक संबंधों की प्राचीन भारतीय दृष्टि को दर्शाती है, बल्कि यह भी प्रमाणित करती है कि भारतीय संस्कृति में सम्भोग को वर्जना नहीं, बल्कि एक कला और साधना के रूप में स्वीकार किया गया है।
खजुराहो की ये मूर्तियाँ तांत्रिक, स्थापत्य और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से भारतीय सोच की व्यापकता और गहराई को प्रकट करती हैं।
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