संविधान खतरे में है – कितना सच, कितना भ्रम?

“संविधान खतरे में है”—यह वाक्य आजकल राजनीतिक भाषणों, टीवी डिबेट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में आम हो गया है। हर पक्ष इसे अपने अनुसार परिभाषित करता है, और आम जनता के मन में भ्रम की स्थिति बन जाती है। आज, 14 अप्रैल—डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर, हमें यह विचार करना आवश्यक है कि क्या […]

संविधान खतरे में है – कितना सच, कितना भ्रम? Read Post »