pahalgam hatyakand ek chutki sindoor modiji

पहलगाम हत्याकांड 2025: एक चुटकी सिन्दूर की कीमत…..

22 अप्रैल 2025 की शाम, पहलगाम की सुंदर वादियाँ एक बार फिर रक्तरंजित हो गईं। बैसारन घाटी में आतंकियों ने निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई और 17 घायल हुए।
घटना केवल सुरक्षा विफलता नहीं थी, यह उस लापरवाह राजनीतिक प्रणाली का आईना थी जिसमें जिम्मेदारी से ज्यादा बयानबाज़ी का बोलबाला है।

क्या भाजपा सरकार में मुसलमानों को ही निशाना बनाया जा रहा है?


1. कश्मीर में आतंकी साजिशों का पुराना खाका

  • हमले की जिम्मेदारी “कश्मीर रेजिस्टेंस” नामक आतंकी संगठन ने ली।
  • यह संगठन लश्कर-ए-तैयबा का फ्रंट है, जिसे पाकिस्तान की ISI से लगातार समर्थन मिल रहा है।
  • इस घटना ने यह साबित कर दिया कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बावजूद, स्थानीय समर्थन, सीमापार धन और हथियारों की सप्लाई बंद नहीं हुई है।

2. भाजपा सरकार की सुरक्षा नीति: नारा बनाम निष्पादन

  • गृहमंत्री अमित शाह का “आतंक का सफाया” नारा अब खोखला लग रहा है।
  • खुफिया एजेंसियों की चेतावनी के बावजूद सुरक्षा में चूक क्यों हुई?
  • हमले के बाद की घोषणाएं — “जांच होगी, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा” — अब तक दर्जनों बार दोहराई जा चुकी हैं।

3. कांग्रेस की विरासत: उदारता या अदूरदर्शिता?

  • 1980–90 के दशक में आतंकियों और अलगाववादियों को “राजनीतिक समाधान” के नाम पर खुली छूट दी गई।
  • हुर्रियत जैसे संगठन, पाकिस्तान से पैसा लेकर भारत में नफरत फैलाते रहे और तत्कालीन सरकारें “संवाद” का राग अलापती रहीं।
  • यह वही ज़मीन है, जिस पर आज का आतंकवाद फल-फूल रहा है।

4. पाकिस्तान की भूमिका: छद्म युद्ध का खेल

  • ISI की फंडिंग, PoK में आतंकी कैंप्स, और डिजिटल रेडिकलाइजेशन जैसे माध्यम आज भी ज़िंदा हैं।
  • हर हमले के बाद पाकिस्तान का “हमें दोष न दें” वाला बयानों से भरा स्क्रिप्टेड प्रतिक्रिया आता है।

5. स्थानीय कश्मीरी युवाओं का दिमाग़ कौन ज़हर से भरता है?

  • स्कूलों, मस्जिदों और सोशल मीडिया के ज़रिए जिहादी मानसिकता को बढ़ावा।
  • सरकार का “मुख्यधारा में लाने” का प्रयास शिक्षा, रोजगार और अवसर के बगैर खोखला है।

6. अब शांति की नहीं, नीति की ज़रूरत है

  • आतंकी संगठनों की आर्थिक रीढ़ तोड़नी होगी।
  • अलगाववादियों को “राजनीतिक दल” मानने की भूल फिर नहीं दोहरानी चाहिए।
  • हर आतंकी घटना के बाद “मूल्यांकन” नहीं, “प्रतिकार” ज़रूरी है।

हमारी राय :

पहलगाम का यह कांड एक “अलार्म बेल” है। यह सिर्फ आतंक का मामला नहीं, बल्कि राजनीतिक और सुरक्षा तंत्र की सामूहिक विफलता का प्रमाण है। अगर अब भी भारत केवल बयान देने तक सीमित रहा, तो घाटी की अगली आवाज़ें फिर मातम ही होंगी।


CCS Consultancy - करियर और एडमिशन गाइडेंस
CCS Logo

CCS कंसल्टेंसी – करियर और एडमिशन गाइडेंस का भरोसेमंद केंद्र

  • MBBS, इंजीनियरिंग, MBA, MCA जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज में सम्पूर्ण मार्गदर्शन।
  • विदेशी यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश हेतु सलाह व डॉक्यूमेंटेशन सपोर्ट।
  • ब्यूटी, सिलाई, हैंडीक्राफ्ट आदि में सरकारी रजिस्ट्रेशन/फ्री कोर्स की जानकारी।
  • UGC-DEB, AICTE अनुमोदित ऑनलाइन/डिस्टेंस कोर्सेज की जानकारी।
  • स्वरोजगार व स्किल डेवलपमेंट के लिए व्यवसायिक सलाह।
  • छात्रवृत्ति व सरकारी योजनाओं की जानकारी।

संपर्क करें:

Mobile: 9058118317 | Email: manojchaturvedi1972@gmail.com

Website: www.dayalunagrik.com

Scroll to Top