Chaitra Purnima 2025: ज्योतिषीय दृष्टि से एक विशेष तिथि
Chaitra Purnima 2025 हिन्दू पंचांग के अनुसार, वर्ष का अत्यंत शुभ दिन होता है। इस बार यह पूर्णिमा तिथि और भी विशेष बन रही है क्योंकि इस दिन गजकेसरी राजयोग, चंद्र-गुरु का युति योग, और धनिष्ठा नक्षत्र का प्रभाव एक साथ सक्रिय रहेंगे। इन तीनों योगों का समागम कुछ विशेष राशियों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन, समृद्धि, और नई शुरुआत के संकेत दे रहा है।
गजकेसरी योग क्या है?
गजकेसरी योग तब बनता है जब चंद्रमा और गुरु एक-दूसरे के केंद्र (Kendra) में होते हैं। इसे जीवन में बुद्धि, यश, आर्थिक उन्नति और समाज में प्रतिष्ठा दिलाने वाला योग माना जाता है।
चैत्र पूर्णिमा 2025 की तिथि और समय:
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 12 अप्रैल 2025 को दोपहर 03:42 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त: 13 अप्रैल 2025 को दोपहर 01:27 बजे
हवन व उपवास मुहूर्त: 13 अप्रैल को प्रातः 05:20 से 09:45 तक
इन राशियों के चमकेंगे सितारे:
- वृषभ (Taurus):
गुरु की दृष्टि से करियर में अप्रत्याशित उन्नति, रुके हुए कार्य पूरे होंगे। आय के स्रोत बढ़ेंगे।
- कर्क (Cancer):
गजकेसरी योग आपकी प्रतिष्ठा और मानसिक संतुलन को मजबूत करेगा। घर में शुभ कार्य के संकेत हैं।
- सिंह (Leo):
चंद्र-गुरु युति व्यापार और नौकरी दोनों क्षेत्रों में बड़ा लाभ दे सकती है। सामाजिक कार्यों में मान-सम्मान मिलेगा।
- धनु (Sagittarius):
यह समय आध्यात्मिक उन्नति और मानसिक शांति का है। नया निवेश लाभदायक रहेगा।
- मीन (Pisces):
विदेश यात्रा, शिक्षा, और आध्यात्मिक जागरण की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। नौकरी में पदोन्नति संभव।
चैत्र पूर्णिमा व्रत का महत्व:
धार्मिक मान्यता: भगवान विष्णु की पूजा और सत्यनारायण व्रत का विशेष महत्व है।
पवित्र स्नान: गंगा, यमुना या किसी तीर्थस्थल में स्नान करने से पापों का नाश होता है।
दान-पुण्य: इस दिन अन्न, वस्त्र, और स्वर्ण का दान करना अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।
उपाय व अनुशंसा:
गजकेसरी योग में पीले फूलों से विष्णु पूजन, और गुरुवार व्रत प्रारंभ करना शुभ रहेगा।
राहु काल से बचकर पूजा करें।
पंचांग और व्यक्तिगत कुंडली के अनुसार निर्णय लें।
इसे हल्के में न लें
Chaitra Purnima 2025 एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण से अत्यंत शक्तिशाली दिन है। यदि आप उपवास, दान, और विशेष पूजन करते हैं, तो यह दिन जीवन में सौभाग्य, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने वाला सिद्ध हो सकता है। गजकेसरी योग जैसी युति वर्षों बाद बनती है — ऐसे में आप इसे हल्के में न लें।
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