श्रीमद्भगवद्गीता को ‘राष्ट्रीय ग्रंथ’ घोषित किया जाना चाहिए : विरोध में कौन ?

क्या भारत जैसे बहुलतावादी राष्ट्र में श्रीमद्भगवद्गीता को ‘राष्ट्रीय ग्रंथ’ घोषित किया जाना चाहिए? गीता का स्थान भारत में न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के प्रतीक के रूप में भी है। यही कारण है कि समय-समय पर इसे भारत का राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग उठती रही है। इस लेख में […]

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