A classroom scene where Israeli Prime Minister Netanyahu is teaching Indian leaders Narendra Modi, Rahul Gandhi, and Amit Shah as students.

भारत को इज़रायल से क्या सीखना चाहिए और क्यों?

विश्व राजनीति और वैश्विक शक्ति संतुलन के परिप्रेक्ष्य में इज़रायल एक असाधारण राष्ट्र है। मात्र 75 वर्षों में जिस देश ने रेगिस्तान से कृषि, सीमित जनसंख्या से सामरिक शक्ति, और निरंतर युद्धों के बीच उच्च तकनीक वाला समाज खड़ा किया – वह भारत सहित तमाम विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
भारत, जो जनसंख्या, क्षेत्रफल, सांस्कृतिक विविधता और संसाधनों में कहीं अधिक समृद्ध है, आज भी कई मामलों में सामरिक, कूटनीतिक और तकनीकी दृष्टि से इज़रायल से पीछे है। ऐसे में प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि भारत को इजरायल से क्या सीखना चाहिए.

यह लेख तीन खंडों में विभाजित है:

  1. इज़रायल की मजबूती के स्तंभ
  2. भारत को इज़रायल से क्या सीखना चाहिए?
  3. दोनों राष्ट्रों की तुलना और भारत के लिए संभावित रणनीतियाँ

इज़रायल इतना मजबूत क्यों है?

1. छोटा लेकिन अत्यंत सतर्क राष्ट्र

  • इज़रायल का क्षेत्रफल मात्र 22,000 वर्ग किमी है, और जनसंख्या करीब 90 लाख (2024 अनुमान)। फिर भी यह राष्ट्र चारों ओर से शत्रु देशों से घिरा होने के बावजूद लगातार अपने अस्तित्व को न केवल बचाए हुए है बल्कि प्रबल भी हो रहा है।
  • यह सतर्कता, युद्ध-सिद्ध रणनीतियों और नागरिक अनुशासन की देन है।

2. मोसाद: खुफिया एजेंसी की मिसाल

  • इज़रायल की खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ विश्व की सबसे दक्ष एजेंसियों में से एक मानी जाती है।
  • म्यूनिख ओलंपिक 1972 के हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड’ हो या ईरान में वैज्ञानिकों की लक्षित हत्या – इज़रायल बिना शोर किए निर्णायक कार्रवाई करता है।

3. स्वदेशी रक्षा तकनीक

  • ‘आयरन डोम’ (Iron Dome), ‘डेविड्स स्लिंग’ और ‘एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम’ जैसी अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियाँ पूरी तरह देश में विकसित की गई हैं।
  • हथियारों की निर्भरता कम और रक्षा निर्यात लगातार बढ़ रहा है। इज़रायल भारत को ड्रोन्स, राडार, नाइट-विजन डिवाइस और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली में मदद कर रहा है।

4. शिक्षा और रिसर्च केंद्रित समाज

  • इज़रायल की GDP का 4.9% केवल रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) में खर्च होता है।
  • यहां प्रति 1000 लोगों पर सबसे अधिक वैज्ञानिक और तकनीकी शोधकर्ता हैं।

5. नैतिक दृढ़ता और रक्षात्मक राष्ट्रवाद

  • इज़रायल का हर नागरिक जानता है कि राष्ट्र रक्षा व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
  • युवाओं के लिए सेना सेवा अनिवार्य है — लड़कियों सहित — जिससे देशभक्ति, आत्मनिर्भरता और व्यावहारिक सोच विकसित होती है।

6. जल और कृषि में चमत्कारी नवाचार

  • इज़रायल ने ड्रिप इरिगेशन, सोलर पंप, और समुद्र के खारे पानी को मीठे में बदलने की तकनीक में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।
  • इज़रायल प्रति व्यक्ति सबसे अधिक कृषि उत्पाद निर्यात करता है, जबकि उसके पास प्राकृतिक जलस्रोत ना के बराबर हैं।

भारत को इज़रायल से क्या सीखना चाहिए

1. राष्ट्रीय सुरक्षा की स्पष्ट नीति

भारत को “रणनीतिक धैर्य” की जगह इज़रायल जैसी “प्रोएक्टिव डिटरेंस पॉलिसी” अपनानी चाहिए। पुलवामा के बाद बालाकोट स्ट्राइक इसका संकेत है, लेकिन यह सतत नीति नहीं बन सकी है।

  • इज़रायल हमला सहता नहीं, जवाब देता है — और वो भी निर्णायक।

2. खुफिया नेटवर्क का विकेंद्रीकरण

  • भारत की R&AW और IB को मोसाद की तर्ज पर अधिक स्वतंत्र, तकनीकी रूप से अत्याधुनिक और अंतरराष्ट्रीय रूप से नेटवर्क-संपन्न बनाना होगा।
  • आतंकी हमलों की साजिश को ‘नष्ट’ करने की नीति प्राथमिक होनी चाहिए, न कि केवल ‘प्रतिक्रिया देने’ की।

3. कृषि और जल संकट का समाधान

  • भारत के अनेक राज्य जल संकट से जूझ रहे हैं। इज़रायल की वॉटर रिसाइक्लिंग, ड्रिप इरिगेशन, और स्मार्ट एग्री-सेंसर्स जैसी तकनीक भारत में अनिवार्य की जानी चाहिए।
  • गंगाजल की पवित्रता से आगे बढ़ते हुए अब “जल की स्मार्ट नीति” अपनानी होगी।

4. शिक्षा में राष्ट्रवाद और सैन्य अनुशासन

  • भारत में NCC और स्काउट गाइड जैसी संस्थाओं को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए, जैसे इज़रायल में सैन्य प्रशिक्षण।
  • इससे युवा पीढ़ी में देशभक्ति, लीडरशिप और सुदृढ़ता विकसित होगी।

5. स्टार्टअप संस्कृति और रिसर्च फोकस

  • भारत का स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र विशाल है, लेकिन रिसर्च-आधारित स्टार्टअप की संख्या अभी भी कम है।
  • इज़रायल की तरह “सेना-नवाचार-साइबर” का ट्रायंगल बनाकर भारत को रक्षा स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना चाहिए।

6. आक्रामक कूटनीति

  • इज़रायल जब संयुक्त राष्ट्र में अकेला खड़ा होता है तब भी पीछे नहीं हटता।
  • भारत को भी अपनी विदेश नीति में राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए अमेरिका, रूस, ईरान, इज़रायल, अरब देशों से संतुलन बनाते हुए आत्मकेन्द्रित रणनीति अपनानी चाहिए।

भारत-इज़रायल तुलना और संभावनाएं

क्षेत्रइज़रायलभारत
क्षेत्रफल22,000 वर्ग किमी32,87,263 वर्ग किमी
जनसंख्या90 लाख140 करोड़
खुफिया एजेंसीमोसादRAW, IB
सेना सेवाअनिवार्यस्वैच्छिक
कृषि तकनीकविश्व अग्रणीपारंपरिक
R&D खर्चGDP का ~5%GDP का ~0.7%
शिक्षा प्रणालीअत्यंत व्यावहारिकरटंत आधारित
रक्षा प्रणालीआयरन डोम, एरोविदेशी निर्भरता
नीति निर्माणत्वरित और निर्णायकधीमी और राजनीतिक रूप से बंधी

संभावनाएं:

  • भारत-इज़रायल रक्षा गठजोड़ पहले से मजबूत है, लेकिन ट्रेनिंग, R&D, और को-प्रोडक्शन को और अधिक गहरा किया जा सकता है।
  • भारत को इज़रायल के जल, साइबर सुरक्षा, AI और कृषि स्टार्टअप्स से दीर्घकालीन साझेदारी करनी चाहिए।

✍️ हमारी राय

इज़रायल एक ऐसा राष्ट्र है जो सीमाओं, संसाधनों, संख्या और अंतरराष्ट्रीय विरोध के बावजूद भी अपनी आंतरिक ताक़त, सामूहिक चेतना और राष्ट्रप्रेम से दुनिया में पहचान बना चुका है।
भारत, जो संसाधनों से कहीं अधिक समृद्ध है, यदि इज़रायल से निम्नलिखित तीन चीज़ें अपना ले तो उसकी वैश्विक स्थिति और भी दृढ़ हो सकती है:

  1. स्पष्ट और सख्त सुरक्षा नीति
  2. सैन्य और तकनीकी नवाचार में आत्मनिर्भरता
  3. राष्ट्रहित सर्वोपरि वाली विदेश नीति

भारत को इज़रायल से न केवल तकनीक सीखनी चाहिए, बल्कि वह “मनोदृष्टि” भी सीखनी चाहिए जो राष्ट्र को सबसे पहले रखती है — न विचारधारा, न गठबंधन, न छवि।


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